रविवार, 1 फ़रवरी 2009

धिक्इ देब: आज क् अवधी

१-फरवरी -२००९
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धिक्इ देब
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कम आँच पे देर तक गरम करब

वाक्य में प्रयोग
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रचि क् दूध बोरसी में धिक्इ द, भिनसारे तक मिठाइ जाए.

(बोरसी कम गहिर चौड़े मुंह वाला माटी क् बरतन होथऽ, जौने में जाड़ा के मौसम में आग् बारि के हाथ-गोड़ तापि जाथऽ.)

टिप्पणी:
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आज क् अवधी दूध गरमावइ के सन्दर्भ में ढेर बोलि जात् ह.
आप क् क्षेत्र में एकर प्रयोग कइसे-कइसे होथऽ, जरूर बतावइँ.

1 टिप्पणी:

  1. Sundar Abhivyakti...Badhai !!
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